जब भी कोई हिन्दुस्तान से आता है और पूछता है कि तुम्हारे लिये क्या लाऊँ…..कोई बोलता है ये ले आओ वो ले आओ….हमारे मिर्जा साहब को तो काजू कतली बहुत अच्छी लगती है, ऐसा नही है कि कुवैत मे नही मिलती लेकिन हिन्दुस्तान की तो बात ही कुछ और है. लेकिन मेरे साथ मामला कुछ अलग ही है, जब भी कोई पूछता है कि तो ना जाने क्यों मेरे मुँह से निकल जाता है ढोढा. अब आप पूछेंगे कि ढोढा क्या होता है. अरे भाई ये एक हरयाणवी मिठाई, जो एक बार आपके मुँह लग जाये तो फिर जल्दी नही उतरती…हमारे सारे रिश्तेदार भी जानते है कि मिठाई मेरी कमजोरी है, और ढोढा बोलें तो…….क्या करें कन्ट्रोल ही नही होता. सो इस बार भी हमारी सासू मा जब भारत से पधारी तो ढोढे का पैकैट लेकर ही आयी, एक और बात हरियाणा मे ढोढा कई तरह से बनता है सो थोड़ा बहुत स्वाद मे फर्क आ सकता है. ये बहुत ही हाई कैलोरी वाला प्रोडक्ट होता है, अगर आपके यहाँ मिलता हो जरूर चखियेगा.
अब ढोढे के बारे मे ज्यादा जानकारी तो पंकज भाई ही दे सकेंगे. हम तो बस इतना ही कहेंगे कि जिसने ढोढा नही खाया उसने हरियाणा नही देखा…………है ना पंकज भाई.
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