जैबल जैस – एक अलग ही दुनिया

ये बात सही है कि दुबई में चकाचौंध है, आपाधापी है, वर्क प्रेशर और बेहद बिजी लाइफ है। लेकिन यदि आप दुबई की बिजी लाइफ से कुछ समय अपने लिए निकालना चाहते हैं, तो आइए, मैं आपका हमसफ़र जितेंद्र चौधरी, आज आपको ले चलता हूँ, जैबल जैस। एक अनोखी जगह।

अब थोड़ा सा ज्ञान और जानकारी भी दे ही दी जाए। UAE कुल मिलाकर 7 अमीरात (स्टेट) का समूह है, जिसमें दुबई, अबू धाबी, शारजाह का नाम तो सबने सुना होगा। चार और हैं (अजमान, उम्म अल कुवैन, रास अल खैमाह और फ़ुजैरा)। ज्ञान वाला पीरियड यहाँ समाप्त हुआ, अब आगे चलते हैं।

अब जानकारी देने का समय है। जैसा कि आपको पता ही है, कोविड के समय मैं दुबई में लगभग 27 दिन अटक गया था। अब ये घुमक्कड़ी, होटल में तो बैठेगा नहीं, इसलिए गाड़ी उठाई और निकल पड़े, एक अमीरात से दूसरी अमीरात। तो जनाब, आज हम जा रहे हैं रास अल खैमाह। यह संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का सबसे ऊँचा पर्वत है।

रास अल खैमाह में जैबल जैस, एक पहाड़ी क्षेत्र है, जहां लोग कैंपिंग करने आते हैं। उससे भी ज्यादा ये मशहूर है जोखिम वाले स्पोर्ट्स के लिए। दुनिया की सबसे लंबी ज़िपलाइन (2.8 किलोमीटर) यहाँ पर ही है। इसके अलावा आप हाइकिंग और ट्रेकिंग करने के लिए यहाँ आ सकते हैं। दुबई के पास भी है और दूर भी, लगभग 170 किलोमीटर है, जिसे दुबई की स्पीड से लगभग 2 घंटे में आराम से पूरा किया जा सकता है। यहाँ के हिसाब से ये ज्यादा दूर नहीं कहलाता।

जैसे-जैसे हम दुबई की भीड़भाड़ वाली सड़कों और ऊँची-ऊँची इमारतों को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल रहे थे, वैसे-वैसे थोड़ा-थोड़ा रेगिस्तान दिखने लगा। दुबई के बाद पहली अमीरात शारजाह है, वही वाली जहाँ क्रिकेट मैच हुआ करते थे। आजकल यहाँ बहुत सारी फैक्टरियाँ हैं और काफी जनता इधर रहती है। क्यों? अमां, दुबई इतना महँगा हो चुका है कि किराये बहुत लोगों की पहुँच से ऊपर निकल चुके हैं।

शारजाह तक ट्रैफिक मिला, उसके बाद खुली सड़क। बस स्पीड कैमरे का ध्यान रखना होता है, बाकी रोड तो इतने अच्छे हैं कि आप ऑटो ड्राइव मोड भी लगा सकते हैं। प्लान ये था कि हम लोग सूरज ढ़लने से काफी पहले पहुँच जाएं, थोड़ा खाते-पीते (सैंडविच और चाय, ज्यादा मत सोचने लगना…), फिर ज़िपलाइन का जुगाड़ देखते हैं। इच्छा थी रात में कैंपिंग करने की और खुले आसमान के नीचे तारे गिनने की। सुबह वापसी का प्रोग्राम था।

जैबल जैस पर अक्सर लोग सूर्यास्त या सूर्योदय का नज़ारा देखने जाते हैं, या हमारे जैसे जोखिम वाले खेलों के प्रेमी। सूर्यास्त का दृश्य बहुत अच्छा दिखा, मन प्रसन्न हुआ। ज़िपलाइन वाली कंपनी ने कहा, दुकान बंद है। हमने एक हफ्ते पहले ही वेबसाइट पर बता दिया था, इधर काहे आ गए… फालतू हो क्या? (ये शब्द उसने नहीं कहे, हम खुद समझ गए, उसकी बातों से)। लेकिन उसको क्या पता, हम तो फुल्ली फालतू थे… अब हमने कौन-सी वेबसाइट चेक करनी थी, हम तो मुँह उठाकर निकल पड़े थे। इसलिए ज़िपलाइन वाला प्रोग्राम तो टांय-टांय फिस्स हुआ।

ट्रेक पर गए, पहाड़ों पर भी चढ़े (हाइकिंग), हर वो मस्ती की जिसके लिए आए थे। घूमना-घुमाना हुआ अच्छे से। एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ तक जाते-जाते साथियों को थोड़ा सा असहज लगने लगा, इसलिए रात को रुकने का प्लान भी स्थगित किया गया। फिर गाड़ी मोड़ी गई और वापस दुबई की तरफ लौटे। इस तरह से ये यात्रा यहीं समाप्त हुई। अगली यात्रा तक इंतजार करिए—27 दिन, 27 रंग, और कम से कम 15 यात्राएं।

लेख पढ़ने के लिए शुक्रिया, आपकी कमेंट की प्रतीक्षा रहेगी। घुमक्कड़ी का सफ़र यूँ ही जारी रहेगा। मेरे हमसफ़र बनने के लिए मुझे फॉलो करना मत भूलिएगा। मेरी वॉल पर सारे पुराने लेख/रील्स एक साथ मिल जाएंगे। आपकी आलोचना, राय, सुझाव और टिप्पणियों का हार्दिक स्वागत है।

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