जब पिछली मार्च मे गूगल भैया ने उर्चिन को अपने कब्जे मे किया तब से ही वैब उद्योग जगत मे अन्दाजा लगाया जा रहा था, कि जल्द ही गूगल भईया ये प्रोडक्ट अपने नाम से बाजार मे उतारेंगे। गूगल जो भी काम करता है बिना शोर शराबा किये करता है, लेकिन इस बार ख़बर लीक हो ही गयी। तो जनाब गूगल ने पेश किया गूगल एनालिटिक्स यह वैब सर्विस आपको आपकी साइट पर आने जाने वाले लोगों के बारे मे बताता है। अभी तक तो मै एक दूसरी बैब सर्विस स्टैटकाउन्टर प्रयोग कर रहा था। ठीक ठाक रिपोर्ट्स मिल रही थी। वैसे भी दान की बछिया के दाँत नही गिने जाते।
अब जब गूगल ने अपनी ये फ़्री सर्विस चालू की तो हम भी लाइन मे लग लिये। अपना गूगल एकाउन्ट का लागिन तो था ही, उसे इस्तेमाल मे लाया गया।पहले दिन तो साइट ही ओवरलोड हो गयी, इसलिये मैन्टीनेन्स के लिये डाउन थी। शाम को किसी तरह से अपना एकाउन्ट बनाया गया और गूगल द्वारा प्रदान किया गया जावास्क्रिप्ट कोड अपनी साइट पर फ़िट करने की कोशिश की गयी। अब गूगल भईया बोलते है कि सबसे पहले मेरा जावास्क्रिप्ट कोड डालो, नही तो काम नही करेगा। कोशिश की गयी, अब हमारी साइट तो वर्डप्रेस पर चलती है, इसलिये पता किया गया, और एक प्लग-इन डाउनलोड किया गया। और कोड को साइट पर डाला गया।
अब मसला था, कि कोड तो डाल दिया गया, लेकिन गूगल ने मानने से इन्कार कर दिया कि हमने उसका कोड अपनी साइट पर डाल दिया है, बहुत मान मनौव्वल के बाद, गूगल ने हमारी साइट के कोड को मान्यता दे ही दी। अब मसला था, साइट पर आवाजाही की रिपोर्ट की।
गूगल ने रिपोर्टिंग तीन तरह के बन्दों को ध्यान मे रखकर की है, एक्जीक्यूटिव, मार्किटिंग वाले और वैबमास्टर। तीनों मे ही कुछ रिपोर्ट्स कामन है। लेकिन सभी रिपोर्ट काफ़ी अच्छी बन पड़ी है। काफी रंगीन और जानकारी भरी ग्राफ़िक्स है।
मैने तो सभी रिपोर्ट्स यहाँ पर अपलोड कर दी हैं। आप खुद ही देख लीजिये। तो क्या दूसरी वैबसर्विस के दिन लद गये। अब ये तो आप ही डिसाइड करो। मेरे विचार से, अभी भी गूगल एनालिटिक्स मे काफ़ी कुछ किया जाना बाकी है, जैसे किसी
- ब्लॉग साइट पर बिना सबडोमेन बनाये ये कोड को मान्यता नही देता।
- अभी भी कोड डालने का तरीका आसान नही है।
लेकिन अभी तो शुरुवात है, आगे आगे देखिये होता है क्या? और हाँ एक बात तो बताना भूल ही गया। ये बीटा प्रोडक्ट नही है।
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