एक पाठक की प्रतिक्रिया और मेरा जवाब

Ashvani Kumar Yadav Says:

अप्रैल 20th, 2005 at 7:30 am
Aapka likha pada achcha laga. Agar samay hua to poore pages avasya padunga. Hindi ke prati prem dekh dil kush ho gaya. Aapko dekhkar mujhe bhi hindi me blog likhne ki echcha huyi hai…….shayad jaldi hi suruaat karunga.

Ashvani Kumar
B. Tech IV (CSE)
IIT Roorkee

अश्विनी भाई की टिप्पणी यहाँ उपलब्ध है

मेरा उत्तर

अश्विनी भाई,
धन्यवाद, मेरे लेखों के लिये.
दरअसल वैब पर हिन्दी को वो स्थान अभी नही प्राप्त हुआ है, जो उसे पाना चाहिये. जापानी भाषा को देखिये, चीनी लिपि को देखिये, फारसी को देखिये या फिर ज्यादा दूर मत जाइये हिब्रू भाषा को देखिये, जिसका इतिहास ज्यादा पुराना नही है, लेकिन वैब पर काफी हद तक राज कर रही है ये भाषायें.

हम सौ करोड़ लोग होकर भी, और कम्पयूटर के इतने जानकार होकर भी वैब पर अपनी भाषा को प्रोत्साहित नही कर रहे, लानत है हमारे हिन्दुस्तानी होने पर.

वैब पर हिन्दी भाषा को उचित स्थान दिलाने के लिये आप जैसे नौजवानो को आगे आना होगा, और दिखाना होगा कि हम अपनी भाषा और संस्कृति से प्यार करते है. देर किस बात की है, बना डालिये अपना ब्लाग और दूसरों को भी प्रोत्साहित करिये, याद रखिये जितना ज्यादा पढने का मैटेरियल वैब पर उपलब्ध होगा, उतने ही ज्यादा लोग हिन्दी से जुड़ेंगे.और जितने ज्यादा लोग वैब से जुड़ेंगे, उतना ही वैब पर हिन्दी पढने के मटैरियल की उपलब्धता बढेगी. नतीजा वैब पर हिन्दी छा जायेगी.

हिन्दी ब्लाग बनाने से सम्बंधित सलाह और ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है
http://www.akshargram.com/sarvagya/index.php/Howto

मुझे आपके ब्लाग का इन्तजार रहेगा.

आपका भाई
जीतेन्द्र चौधरी

3 responses to “एक पाठक की प्रतिक्रिया और मेरा जवाब”

  1. anunad Avatar
    anunad

    aapakee ye salaah salaah murdaa pade logon ko khadaa kar sakatee hai , utsaahee logon ko daudaa sakatee hai |

  2. विजय ठाकुर Avatar

    सत्यवचन ! जितनी सामग्री बढेगी उतने पाठक बढेंगे।

  3. Tarun Avatar

    anunad ke naad ka anumodan karta hoon…….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *