हर ब्लॉगर की यह तमन्ना होती है कि उसका अपनी वैबसाइट हो, एक अलग पहचान हो।लेकिन कभी जानकारी का अभाव तो कभी कंजूसी या कभी मुफ़्त के जुगाड़ों की उपलब्धता की वजह से यह अरमान सीने मे ही दफ़न हो जाता है। लेकिन फिर भी बहुत सारे ब्लॉगरों ने अपनी वैबसाइट बनाई है। तो जनाब आइये हम इस जानकारी पर सरसरी नजर मार लेते हैं।सबसे पहले तो बात करते है अपनी साइट के होने से नफ़े नुकसान की
फायदे
- अपनी साइट आपको एक अलग पहचान देती है।
- आपको अपने साइट के संचालन का पूरा पूरा अधिकार होता है।
- तकनीकी ज्ञान बढता है, जिसका आप व्यवसायिक प्रयोग भी कर सकते है।
नुकसान (कोई खास नही)
बस अन्टी ढीली होती है यानि पैसे खर्च होते है।
समय लगता है।
फिर जब फ़्री मे सब कुछ मिल रहा है तो पैसे काहे लगाए जाएं।वगैरहा वगैरहा।अपनी साइट क्यों बनाएं जब इत्ते सारे फ़्री के जुगाड़ उपलब्ध है, फिर ब्लॉगर भी कोई बुरा नही है।
लेकिन भैया, अपना सर्वर अपना होता है, चाहे ब्लॉगर हो या वर्डप्रेस डाट काम, सभी मे कुछ ना कुछ लिमिटेशन्स तो हैं ही। इसलिये हम तो आपको यही सलाह देंगे, यदि आप सक्षम है तो अपनी साइट जरुर बनाइये।आइये सबसे पहले तो समझें की वैब पर अपना ब्लॉग बनाने के लिये क्या क्या चाहिये होता है।
- अपना डोमेन नेम
- होस्टिंग के लिये स्थान
- प्लेटफार्म का चयन
- ब्लॉगिंग का साफ़्टवेयर
- थोड़ी सी तकनीकी जानकारी
अपना डोमेन नेम
आपकी साइट का नाम myblog.com या myblog.info वगैरहा वगैरहा मतलब आपकी पहचान। ये क्या होना चाहिये, ये बहुत कुछ आप पर निर्भर करता है।डोमेन लेने के लिये बहुत सारी कम्पनियां मौजूद है, जो आपकी मर्जी का डोमेन आपके लिये रजिस्टर कर देंगी।लेकिन ध्यान रहे डोमेन लेते समय कम्पनी की शर्तों को ध्यान से पढ लीजियेगा, क्योंकि कई बार कम्पनियां आपको डोमेन तो सस्ता देने का लालच देती है, लेकिन होस्टिंग के खर्चों मे चिपका देती है, इसलिये सभी कम्पनियों के रेट को अच्छी तरह से नापतौल कर देख लें।इस बारे मे विस्तृत लेख का इन्त्जार करें।
होस्टिंग का स्थान
सभी साइट कंही ना कंही पर स्थापित होती है, अक्सर ये सर्वर अमरीका मे ही होते है।होस्टिंग के लिये होस्टिंग कम्पनियां तरह तरह के प्लान देती है। अच्छा होगा सबसे पहले आपको अपनी जरुरत के बारे अच्छी जानकारी हो। दूसरी बात, होस्टिंग हमेशा अच्छी कम्पनी से ही लेनी चाहिये, नही तो कंही ऐसा ना हो अक्सर होस्टिंग प्रोवाइडर अपने मूड के हिसाब से सर्वर को बूट करे या फिर अपनी मशीन बन्द करके पान खाने हजरत गंज चला जाए।आलोक भाई कुछ याद आया?
ब्लॉगिंग प्लेटफार्म का चयन
अक्सर सर्वर या तो लीनिक्स पर आधारित होते है या फिर विन्डोज पर। लीनिक्स वाले सर्वर की होस्टिंग सस्ती होती है और इसके लिये साफ्टवेयर अक्सर मुफ़्त मे उपलब्ध होते हैं।दूसरी तरफ़ विन्डोज होस्टिंग थोड़ी महंगी होती है, लेकिन उसके अपने फ़ायदे है। सबकुछ आपके तकनीकी ज्ञान और आपकी वैबसाइट के प्रयोग पर निर्भर करता है।
ब्लॉगिंग का साफ़्टवेयर
ब्लॉगिंग के लिये तरह तरह के साफ़्टवेयर उपलब्ध है, लगभग आधे से ज्यादा ये फ्री मे उपलब्ध हैं। हिन्दी चिट्ठाकार वर्डप्रेस का प्रयोग करते है, आप वर्डप्रेस, द्रुपल (लिस्ट तो बहुत लम्बी है,किस किस का नाम लिखें) की तरह के कोई भी साफ़्टवेयर प्रयोग कर सकते हैं।
तकनीकी जानकारी
किसी भी साइट को बनाने और संचालित करने के लिये बहुत ज्यादा तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नही होती। आपको थोड़ा बहुत HTML का ज्ञान हो और साथ ही किसी FTP साफ़्टवेयर को प्रयोग आता हो, बस बहुत है। यदि आपकी होस्टिंग लीनिक्स आधारित है, तो लीनिक्स की ज्ञान होना काफी मददगार होता है। लेकिन यदि आपको इनमे से कुछ नही आता, तो घबराइये मत, इन्टरनैट पर सबकुछ सीखा जा सकता है, वो भी मुफ़्त। यहाँ और यहाँ देखिये।
अपने वैबसाइट बनाने से पहले मै आप सभी इच्छुक लोगों से कहना चाहूँगा कि अपने अपने कम्पयूटर पर यह साफ़्टवेयर (इस साफ़्टवेयर मे वो सबकुछ है जो आपको होस्टिंग वाला देगा।लेकिन ये सिर्फ़ आपके कम्प्यूटर पर होगा) को इन्सटाल करके अपनी अपनी टैस्टिंग कर लें। जब सब टेस्टिंग पूरी जो जाए तो आगे बढिए।
अगले लेखों मे हम इन सभी चीजों के बारे मे विस्तृत रुप से प्रकाश डालेंगे।अगला लेख होगा डोमेन नेम पर(थोड़ा समय लगेगा लेकिन लिखूंगा जरुर)। मै चाहूँगा, जानकार बन्धु अपने अपने ज्ञान को हम सभी के साथ बाँटे।भले ही आप अपने ब्लॉग पर लिखें।लेकिन लिखें जरुर।
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