अब जैसे जैसे हिन्दी चिटठो की संख्य बढती जा रही है, मुझे लगता है कि कोई मेरे को ब्लाग पढकर सुनाये. यानि कि आटोमेटिक पाडकास्टिन्ग. अभी तक तो सिर्फ़ ये मेरे दिमाग की खुराफ़ात थी, लेकिन कुछ बन्दों ने इसे सचमुच कर दिखाया है. विश्वास नही होता….. आप खुद ही देख लीजियेना…
एक बुरी खबर पहले सुन लीजिये…..अभी ये सेवा सिर्फ़ अँग़्रेजी भाषा के ब्लाग के लिये है. हिन्दी वाले या तो इन्तज़ार करें या फ़िर अपना खुद का बना लें.
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